Facts About Shodashi Revealed
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चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं
साहित्याम्भोजभृङ्गी कविकुलविनुता सात्त्विकीं वाग्विभूतिं
Every single fight that Tripura Sundari fought is a testament to her may possibly as well as the protective mother nature from the divine feminine. Her legends go on to encourage devotion and they are integral into the cultural and spiritual tapestry of Hinduism.
साम्राज्ञी चक्रराज्ञी प्रदिशतु कुशलं मह्यमोङ्काररूपा ॥१५॥
पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।
Day: On any thirty day period, eighth working day of your fortnight, whole moon day and ninth day on the fortnight are reported for being great days. Fridays are also equally very good days.
Make sure you convey to me such yoga which might give salvation and paradise (Shodashi Mahavidya). You are the only theologian who can provide me the complete knowledge On this regard.
Chanting the Mahavidya Shodashi Mantra generates a spiritual shield all around devotees, preserving them from negativity and harmful influences. This mantra acts like a supply of security, assisting individuals sustain a beneficial ecosystem no cost from psychological and spiritual disturbances.
The iconography serves for a focus for meditation and worship, letting devotees to attach With all the divine Power in the Goddess.
कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं
ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?
The essence of those occasions lies within the unity and shared devotion they inspire, transcending person worship to produce a collective spiritual ambiance.
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव read more के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।